UP News: विभिन्न राज्यों में हो रही वर्षा के चलते वहां की नदियों में उफान के कारण गंगा व यमुना का भी तेजी से जलस्त बढ़ रहा है. इससे संगम नगरी पर फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर जनपद में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. औरैय्या व हमीरपुर में यमुना खतरे का निशान पार गई हैं. बांदा में खतरे के निशान के करीब हैं. मध्य प्रदेश की नदियों केन व बेतवा और राजस्थान की चंबल नदी का पानी यमुना में आ रहा है. इसके अलावा आधा दर्जन छोटी नदियों के उफान पर होने का असर गंगा व यमुना के जलस्तर पर पड़ रहा है. इन नौ नदियों का से लगभग 10 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है.
22 जिले बाढ़ से प्रभावित
वर्तमान में प्रदेश के 22 जिलों की 43 तहसीलें और 768 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में बाढ़ से 2,52,839 लोग प्रभावित हैं, जिन्हें राहत सहायता प्रदान की गई है. वहीं, बाढ़ की वजह से 33,370 मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है. बाढ़ से किसी परिवार के मकान को क्षति नहीं पहुंची है. प्रदेश में 37,279 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में आया है. इन प्रभावित क्षेत्रों में 550 नावों और मोटरबोट की सहायता से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. इन इलाकों में मंगलवार को भोजन के 6,458 पैकेट और 7,143 लंच पैकेट वितरित किये जा चुके हैं.
इन जिलों में बाढ़ का खतरा
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें वाराणसी, प्रयागराज, औरैया, बहराइच, बांदा, मिर्जापुर, कानपुर देहात, चंदौली, फतेहपुर, कानपुर नगर, बाराबंकी, बदायूं, फर्रुखाबाद, गोंडा, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फनगर, शाहजहांपुर और उन्नाव शामिल हैं. इन सभी जिलों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं.
उन्नाव के बांगरमऊ में गंगा का कहर, कई गांव टापू बने
उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र में गंगा उफान पर है. बीते रविवार की देर रात नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया. कटरी, गदनपुर, आहार सहित करीब एक दर्जन मजरे पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. कई गांवों में घरों के अंदर तक पानी भर गया है. ग्राम हरीगंज, धन्नापुरवा, भिखारपुरवा और नया पुरवा टापू जैसे नजर आ रहे हैं.
चंदौली में बांधों के जलस्तर में आई गिरावट
पहाड़ी क्षेत्रों में बीते 24 घंटों में बारिश कम होने से बांधों के जलस्तर में गिरावट जारी है. नौगढ़, चंद्रप्रभा और मूसाखांड़ बांध के ओवरफ्लो गेट से पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में कम पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. नौगढ़, मुसाखांड़ बांध, लतीफशाह, भैसौड़ा डैम और मुजफ्फरपुर के कैचमेंट में पानी पर्याप्त मात्रा में इकट्ठा हो गया था. इसके बाद सुरक्षा के दृष्टि से सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने हजारों क्यूसेक पानी चंद्रप्रभा और कर्मनाशा नदी में छोड़ दिया था. जिसके बाद तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए थे.
वाराणसी में चेतावनी लेवल के पार पहुंचा गंगा का जलस्तर, कई घाटों का संपर्क टूटा
बनारस में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है, जबकि गंगा ने वार्निंग लेवल 70.26 मीटर के आंकड़े को पार कर लिया है. सुबह 6:00 बजे तक गंगा का जलस्तर वाराणसी में 70.30 मीटर रिकॉर्ड किया गया है. अब भी गंगा में लगभग 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से देखने को मिल रही है.
मिर्जापुर में फिर से बढ़ने लगीं गंगा
मिर्जापुर में एक बार फिर से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गई है. सुबह 8 बजे 10.25 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ता पाया गया. मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर 74.880 मीटर है. जबकि खतरे का निशान 77.724 मीटर है. अभी कुछ दिन पहले ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था. इससे चुनार और सदर तहसील के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे.
आगरा में चंबल थमी, यमुना भी उतार पर
24 घंटे में चंबल नदी का जलस्तर डेढ़ मीटर पानी नीचे आया है. चंबल नदी खतरे के निशान के नीचे बह रही है. यमुना नदी का जलस्तर भी तेजी से नीचे गिर रहा है. सिंचाई विभाग का दावा है कि दो दिन में यमुना सामान्य रूप में होगी. क्योंकि, गोकुल बैराज से पानी का डिस्चार्ज घटकर 59740 क्यूसेक रह गया है. इस साल शहर के 14 इलाके प्रभावित हुए हैं.
प्रयागराज में खतरे के निशान के करीब पहुंचीं गंगा-यमुना
प्रयागराज में गंगा-यमुना के तटीय इलाकों में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यमुना के जलस्तर में प्रति घंटा 5 सेमी से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. बुधवार सुबह 8 बजे तक यमुना का जलस्तर 83.82 मीटर और गंगा का जलस्तर 83.42 मीटर रिकॉर्ड किया गया. प्रयागराज में गंगा और यमुना के खतरे का निशान 84.734 मीटर है. इससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है. यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला रविवार को शुरू हो गया था. सोमवार को गति खतरनाक हो गई. इसके बाद बीते 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 3 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मंगलवार रात में करीब 17.50 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा था.
श्री मठ बाघंबरी गद्दी के पीठाधीश्वर बलवीर गिरि ने बताया कि यह अद्भुत घटना इतिहास में शायद इससे पहले कभी नहीं हुई है कि एक साल में हनुमान जी को मां गंगा ने चार बार स्नान कराया हो.
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