Up news: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को कई बड़े और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी. इनमें उच्च शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप और शहरी प्रशासन सुधारों से जुड़े कई प्रस्तावों को हरी झंडी मिली है. इन फैसलों से राज्य में नई तीन प्राइवेट यूनिवर्सिटी, यूके के साथ ‘चेवनिंग’ जैसी स्कॉलरशिप योजना और नगर निगमों के लिए विज्ञापन से जुड़े नियमों में दीर्घकालिक बदलाव का रास्ता साफ हो गया है.
तीन नई निजी यूनिवर्सिटियों के नाम और स्थान
राज्य में तीन नई निजी यूनिवर्सिटियों को मंजूरी दी गई है. ये हैं: मुजफ्फरनगर में वेदांत विश्वविद्यालय, बाराबंकी में बोधिसत्व विश्वविद्यालय और मथुरा में केडी विश्वविद्यालय.
1. वेदांत विश्वविद्यालय, मुजफ्फरनगर
मंत्रिमंडल ने मुजफ्फरनगर में वेदांत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आशय पत्र को मंजूरी दे दी है. इसे लाला फतेहचंद चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाएगा. विश्वविद्यालय 23.33 एकड़ भूमि पर बनेगा, जो शहरी क्षेत्रों के लिए निर्धारित 20 एकड़ की शर्त से अधिक है. उच्च शिक्षा विभाग और राज्य स्तरीय विशेषज्ञ समिति ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. ट्रस्ट को दो वर्षों के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी कर संचालन शुरू करना होगा.
2. बोधिसत्व विश्वविद्यालय, बाराबंकी
बाराबंकी में बोधिसत्व विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अधिनियम के तहत सभी शर्तें पूरी करने के बाद संचालन की अनुमति मिल गई है. पर्याप्त भूमि और नियामक मंजूरी के साथ यह विश्वविद्यालय अब शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने के लिए तैयार है.
3. केडी विश्वविद्यालय, मथुरा
मथुरा में केडी विश्वविद्यालय, जो पहले से ही एक डेंटल कॉलेज संचालित करता है, को पूर्ण विश्वविद्यालय के रूप में कार्य शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. इसके पास 50 एकड़ से अधिक भूमि है, जो शहरी क्षेत्रों के लिए आवश्यक 20 एकड़ से कहीं ज्यादा है. सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के साथ-साथ संबंधित समितियों की सिफारिशें भी प्राप्त हो चुकी हैं.
विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना
इस छात्रवृति के माध्यम से छात्र कैंब्रिज, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, किंग्स कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. आपको बता दें हर छात्र पर 38480 पाउंड खर्च आएगा. इसमें आधा खर्चा यूपी सरकार और आधा ब्रिटेन की संस्था वहन करेगी. यह योजना फिलहाल 2027 तक जारी रहेगी. आपको बता दें कि यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में शिक्षा से जुड़े 4 प्रस्तावों सहित कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
केजीएमयू अधिनियम में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) अधिनियम, 2002 में संशोधन का प्रस्ताव भी पास कर दिया है. इसके तहत, विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से एक-एक वरिष्ठतम प्रोफेसर को शामिल किया जाएगा. इन सदस्यों को राज्यपाल द्वारा नामित किया जाएगा.
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