International Yoga Day: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऊधमपुर में सेना के जवानों के साथ विभिन्न आसन और श्वास प्राणायाम करके 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने में सशस्त्र बलों का नेतृत्व किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि योग अस्त-व्यस्त लोगों को एकग्रता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह एक कला है, एक विज्ञान है, एक दर्शन है और आध्यात्मिकता है, ऐसे में जो लोग अपने दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करते हैं, वे अपने शरीर तथा विचारों पर नियंत्रण रख पाते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि योग हमें प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि सक्रिय बनाता है।
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य – एक वैश्विक
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की विषयवस्तु – एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य – एक वैश्विक, हमें यह संदेश देती है कि भारत न केवल अपने लिए बल्कि वैश्विक कल्याण के बारे में भी सोचता है। उन्होंने कहा कि पूरा संसार एक परिवार है और इसके कल्याण हेतु काम करना हमारी सोच का हिस्सा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि योग इस सोच की व्यावहारिक अभिव्यक्ति ही है।
प्राचीन परंपरा को वैश्विक स्तर पर मान्यता
रक्षा मंत्री ने कहा कि योग मौन रूप से विश्व को बदल रहा है और हर नागरिक को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि भारत की प्राचीन परंपरा को वैश्विक स्तर पर मान्यता तथा स्वीकृति मिल रही है। उन्होंने कहा कि योग को मात्र एक चलन के तौर पर नहीं बल्कि इसे जीवन जीने का तरीका बनाने की जिम्मेदारी की तरह लेना चाहिए। श्री सिंह ने अपने संबोधन के समापन पर कहा कि योग को हमारे जीवन में एक संकल्प के रूप में शामिल करने की आवश्यकता है। इसे हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि योग हर किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेनाओं का शानदार प्रदर्शन
श्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को आत्म नियंत्रण का एक शानदार उदाहरण बताते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन के दौरान संयम, संतुलन और सटीकता का प्रदर्शन किया, जो योग के अभ्यास से प्राप्त उनकी आंतरिक शक्ति का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जरिए भारत की सामाजिक व सांप्रदायिक एकता को निशाना बनाया गया था और ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देता है कि उसे भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के परिणाम भुगतने होंगे
सोमनाथ शर्मा और ब्रिगेडियर उस्मान को याद किया
रक्षा मंत्री ने कहा “पाकिस्तान भारत को भीतर से कमजोर करना चाहता है। मगर पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत की एकता और अखण्डता के लिए अगर मेजर सोमनाथ शर्मा ने अपने प्राणों की आहुति दी है तो ब्रिगेडियर उस्मान जैसे महावीरों ने भी इस देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। आज मैं ऊधमपुर में मौजूद हूं। यहां से कुछ घंटों की ही दूरी पर नौशेरा की वह जगह मौजूद है जहाँ ब्रिगेडियर उस्मान ने भारत माता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।”
सैनिकों को योग के बारे में बताया
राजनाथ सिंह ने कहा “मुझे अपनी सेनाओं से भी बेहद नजदीकी से जुड़ने का अवसर मिला है। मैंने सुरक्षा बलों में भी, अपने सैनिकों का योग के प्रति रुझान देखा है। कई जवान नियमित योग करते हैं। इसका सीधा प्रभाव उनके अनुशासन और लगन पर दिखाई देता है। योग किसी भी सैनिक को न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार करता है, जिसका लाभ हमें युद्ध क्षेत्र में भी देखने को मिलता है।”
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