G-7 summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें G-7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच गए हैं। इस सम्मेलन में भारत के अलावा, अमेरिका, कनाडा, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली शामिल हैं। कनाडा के कनानास्किस में हो रहे G-7 समिट के दौरान पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप समेत कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे, जिसमें कानाडा के पीएम मार्क कार्नी, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम भी शामिल है.
बता दें कि कनाडा में पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के पीएम कीएर स्टारमर से भी मुलाकात कर सकते है।
पीएम मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान
वहीं, इससे पहले पीएम मोदी का साइप्रस में जोरदार स्वागत हुआ। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टो-डोलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से सम्मानित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि साइप्रस ने ये सम्मान, उनको नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों को दिया है। मोदी ने साइप्रस के साथ, आपसी सहयोग बढ़ाने पर बात की।
PM मोदी ने तुर्किए को दिया मैसेज
इसके अलावा, उन्होंनें साइप्रस से ही पाकिस्तान और उसके दोस्त तुर्किए को कड़ा मैसेज दिया. इतना ही नहीं इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस के प्रेसीडेंट के साथ ग्रीन लाइन देखने पहुंचे। बता दें कि ये वो लाइन है, जो साइप्रस को उसके उस हिस्से से अलग करती है जिस पर तुर्किए ने अवैध कब्जा किया हुआ है। साइप्रस के उस हिस्से को टर्किश साइप्रस कहा जाता है।
बता दें कि उस हिस्से पर तुर्किए ने साल 1974 से ही कब्जा किया हुआ है। इसके बाद मोदी ने ईरान और इजरायल से कहा कि वो एक दूसरे पर बमबारी बंद करके, बातचीत की टेबल पर आएं क्योंकि, युद्ध होता है, तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।
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