सपा ने प्रदेश को चार हिस्से में बांट कर शुरू किया अभियान

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को लामबंद करने की नई रणनीति बनाई है। इसके तहत प्रदेश को चार हिस्से में बांट कर अभियान शुरू किया गया है। इसकी कमान पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी डॉ. राजपाल कश्यप ने संभाली है। वह विधानसभा क्षेत्रवार कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं। साथ ही वह अति पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ता के घर भी जा रहे हैं। अभियान के जरिए जातीय गोलबंदी के साथ संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सियासी समीकरण की थाह भी ली जा रही है। इसकी शुरुआत पूर्वांचल से हुई है। सपा पिछड़ी जातियों को अपना आधार वोट बैंक मानती है, लेकिन विपक्षी दल यादव-मुस्लिम को छोड़ अन्य जातियों में किसी न किसी रूप में सेंधमारी करने में सफल होते रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में हार के बाद हुई समीक्षा में यह बात सामने आई कि अति पिछड़े वर्ग का वोटबैंक पार्टी हिस्से नहीं आ पाया था। ऐसे में चुनावी समर शुरू होने से पहले ही इस बार इन जातियों की गोलबंदी शुरू हो गई है। सपा ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को लामबंद करने के लिए अभियान शुरू किया है। इसमें विधानसभा क्षेत्रवार अति पिछड़ी जातियों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इसी आधार पर संगठन में भी भागीदारी बढ़ाई जा रही है। राजपाल कश्यप सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली में विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन कर चुके हैं। वह 27 को वाराणसी, 28 को सोनभद्र, 29 को मिर्जापुर, 30 को भदोही और 31 जुलाई व एक अगस्त को प्रयागराज में रहेंगे। अति पिछड़ी जाति के लिए हुए एक-एक कार्य को बाकायदे मंच और दस्तावेज के जरिए उन तक पहुंचाया जा रहा है। अगले चरण में मध्य यूपी और फिर बुंदेलखंड में यह अभियान चलेगा। अंतिम चरण में पश्चिमी यूपी को शामिल किया गया है।

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