वाराणसी। बीएचयू वैदिक विज्ञान केंद्र की ओर से तैयार कराए गए वैदिक पंचांग के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा व्रतों, त्योहारों और पर्वों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है। प्रभारी कुलपति प्रो. वीके शुक्ल ने सोमवार को पंचांग का उद्घाटन किया। प्रो. शुक्ल ने केंद्र के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे जन सामान्य के लिए उपयोगी बताया। नवसंवत्सर वैदिक पंचांग अपने आप में कई मायने में अद्भुत है। इसे मुख्य रूप से तिथियों के आधार पर 12 महीनों में रखा गया है। हर तिथि के साथ उसके समाप्ति काल को दिया गया है। तिथियों के साथ अंग्रेजी दिनांक एवं वार का समन्वय होने से सामान्य व्यक्ति (जिसे ज्योतिष की जानकारी नही है) भी इसे सहजता से समझ सकता है। केंद्र के समन्वयक प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह वैदिक पंचांग इसमें वर्ष में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण तथा चंद्रग्रहण का भी वर्णन है। पंचांग वैदिक योग विज्ञान, ऋतुचर्या, विज्ञान अंक रुप में हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए ऋतुकालीन आहार-विहार, योग परिचय एवं योग की उपयोगिता आदि का सांकेतिक वर्णन दिया गया है। कार्यक्रम में प्रो. कमल नयन द्विवेदी, प्रो. आरपी मलिक, प्रो. विंध्याचल पांडेय, डॉ. सुनील कात्यायन, प्रो. कमलेश झा, डॉ. श्याम बाबू पटेल आदि मौजूद रहे।