दिल दहला देने वाली है यह रिपोर्ट…

 नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की  यूएन एन्वायरमेंट प्रोटक्शन एजेंसी की ओर से हाल ही में विश्वभर के शहरों की एयर क्वालिटी की रैंकिंग जारी की गई है। इसके मुताबिक भारत की स्थिति बेहद खराब और दिल दहला देने वाला है। दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित देशों में भारत का छठा नंबर है। इस रिपोर्ट में मध्य और दक्षिण एशिया के सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रदूषित 15 शहरों में 12  शहर भारत के शामिल है। यही नहीं बल्‍कि‍ जो दुनिया भर के 50 खराब एयर क्वालिटी वाले शहरों की चर्चा की गई है उसमें 35 शहर तो सिर्फ भारत के है। देश की राजधानी दिल्ली फिर से सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में सबके सामने उभर कर आई है। आंकड़े बताते हैं कि वायु प्रदूषण विश्व भर में प्रतिवर्ष करीब 70 लाख लोगों की जानें ले रहा है। वायु प्रदूषण संकट की आर्थिक लागत भारत जैसे देश के लिए सालाना 150 अरब डालर  से भी अधिक हो सकती है।

कुल मिलाकर कहना यह है कि प्रदूषण के मामले में भारत की स्थिति सभी देशों में सबसे खराब है। यह वायु प्रदूषण हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सबसे गंभीर असर डालती है और तमाम बीमारियों का कारण बनता है। दरअसल जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसमें मौजूद प्रदूषित कर पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) शरीर में पहुंचता है और कई प्रकार से नुकसान करता है। यूनिवर्सिटी आफ वेरोना की ओर से हाल ही में किए गए अध्ययन में बताया गया है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने वाले लोगों में कैंसर की बीमारी, महिलाओं में गर्भपात की समस्या, गंभीर मानसिक समस्याओं के अलावा कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

मानव शरीर की मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में प्रवेश करने वाली बीमारियों से लड़ने का काम करती हैं लेकिन लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने का कारण यह इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। आटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में शरीर का इम्यून सिस्टम ही शरीर की कोशिकाओं पर हमला कर देता है। प्रदूषित हवा में कई प्रकार की विषैली गैसों का मिश्रण होता है। सांस लेने पर फेफड़ों की कोशिकाएं ठीक से काम नहीं करती हैं जिससे शरीर में सही मात्रा में आक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। वायु प्रदूषण के कारण स्वसन तंत्र को गंभीर नुकसान होता है। जिससे सांस लेने में परेशानी, नाक में जलन, सूजन की समस्या तथा श्वास नली में संक्रमण हो जाता है। रक्त संचार सुचारू नहीं होता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा हमेशा बना रहता है। वायु प्रदूषण की वजह से ब्लड प्रेशर, फेफड़ों के कैंसर का खतरा, किडनी के रोग , फैटी लीवर ,लीवर कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है।

सबसे खास बात यह है कि बढ़ते वायु प्रदूषण का गंभीर असर अब मासूम बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। इसका असर शिशुओं के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। शिशुओं को जन्म से ही इम्यून सिस्टम की कमजोरी, सर्दी, जुकाम, निमोनिया जैसी विभिन्न समस्याएं अपनी चपेट में ले लेती हैं। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण जीवन भर कुछ न कुछ भी कारण लगा रहता है और जीवन प्रतिकूल बना रहता है। कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य यह है कि देश में वायु प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार के साथ ही हर नागरिक को बहुत गंभीरता से लगना होगा। हर राज्य अपने प्रदूषण को कम करने पर अधिक ध्यान दें नहीं तो आगे आने वाले मानव जीवन के लिए यह वायु प्रदूषण जानलेवा साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *