मस्तिष्क को शांत बनाए रखने में मदद करता है भ्रामरी प्राणायाम…

स्वास्थ्य। शरीर को स्वस्थ और तमाम प्रकार के रोगों से मुक्त रखने के लिए रोजाना योग और प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सभी लोगों के लिए रोजाना भ्रामरी प्राणायाम करना सेहत के लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। इसे हमिंग बी ब्रीदिंग तकनीक के रूप में भी जाना जाता है, जो दिमाग को तुरंत शांत करने के लिए बहुत प्रभावी श्वास व्यायाम है। भ्रामरी प्राणायाम आपके मन को शांत रखने, चिंता और क्रोध जैसी समस्याओं को कम करने में बेहद सहायक हो सकता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को अक्सर तनाव की समस्या होती है, उनके लिए इस प्राणायाम का अभ्यास करना विशेष लाभदायक हो सकता है। नींद, ब्लड प्रेशर, तनाव जैसी समस्याओं को कम करने के लिए इस प्राणायाम को बेहद कारगर माना जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में भ्रामरी प्राणायाम करने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं। भ्रामरी प्राणायाम कैसे किया जाता है:- योग विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी योग या आसन का सही तरीके से किया जाना आवश्यक है, तभी इससे लाभ प्राप्त किया जा सकता है। सबसे पहले किसी शांत और अच्छी हवादार जगह पर बैठें और अपनी आँखें बंद कर लें। अपनी तर्जनी उँगलियों को दोनों कानों पर रखें। अपना मुंह बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें। सांस छोड़ने के दौरान ऊँ का उच्चारण भी कर सकते हैं। इस प्रकिया को 5 से 7 बार दोहराएं। भ्रामरी प्राणायाम के लाभ:- यह तनाव का सबसे अच्छा इलाज है। यह आपके मस्तिष्क को शांत बनाए रखने में मदद करता है। भ्रामरी प्राणायाम रक्तचाप को कम करता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है। यह तनाव को दूर करता है, बेहतर नींद के लिए इसे रात्रिकालीन नियमित योग के रूप में शामिल किया जाता है। भ्रामरी प्राणायाम पीनियल और पिट्यूटरी ग्रंथियों को उत्तेजित करके उन्हें लाभ पहुंचाता है। भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास क्रोध को शांत करने में मदद करता है। यह हार्ट ब्लॉकेज को रोकता है।यह गहरी नींद को प्रेरित करने में मदद करता है। इन बातों का रखें खास ख्याल:- भ्रामरी प्राणायाम के वैसे तो कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं, हालांकि इसका गलत ढंग से अभ्यास करने से कोई लाभ नहीं मिलता है। गर्भवती महिलाओं, कान में संक्रमण या कान में जलन, सीने में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर या मिर्गी की समस्या के शिकार लोगों को भ्रामरी प्राणायाम नहीं करना चाहिए। योग का सही तरीके से अभ्यास करना बहुत आवश्यक होता है।

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