योगी सरकार हुइ मेहरबान…

लखनऊ। कोविड-19 के चौथी लहर के आहट से पहले ही उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्टिव हो गई है। राज्यकर्मियों के साथ ही उनके परिवारीजन को लेकर प्रदेश सरकार बेहद गंभीर है।

वित्त विभाग के जारी शासनादेश में कहा गया है कि ‘कर्मचारी जिस मकान में रह रहा था, उसमें यदि उसके साथ रह रहे व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमण हुआ हो तो उस पीडि़त व्यक्ति के कोरोना पाजिटिव होने की तारीख से संबंधित कर्मचारी को अधिकतम 21 दिन या पीडि़त व्यक्ति के निगेटिव होने तक के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश मंजूर किया जाएगा।

कोविड संक्रमित होने पर कोविड जांच केंद्रों की रिपोर्ट प्रमाण के रूप में मानी जाएगी और उसी से विशेष अवकाश मिलेगा। आरटीपीसीआर निगेटिव होने पर भी अगर इलाज कोरोना के लक्षणों के आधार पर लंबा चला तो उन्हें भी एक माह का विशेष अवकाश मिलेगा। बशर्ते इलाज से संबंधित ब्लड रिपोर्ट व सीटी स्कैन में कोविड-19 संक्रमण पाये जाने का प्रमाणपत्र संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारी का हो।

वहीं कंटेनमेंट जोन में रह रहें कर्मचारी को कंटेनमेंट जोन घोषित रहने तक अवकाश मिलेगा। इसके लिए कार्यालयाध्यक्ष सक्षम प्राधिकारी होंगे।

विशेष अवकाश स्वीकृत किये जाने के बाद भी यदि बीमारी के कारण कर्मचारी की अनुपस्थिति की अवधि शेष रह जाती है तो चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर चिकित्सा अवकाश स्वीकृत होगा। प्रमाणपत्र न होने पर भी बीमारी के कारणों या कमजोरी के आधार पर कार्यालय में अनुपस्थित रहने की सूचना दी है तो उन्हें उनके प्रार्थना पत्र के अनुसार उस अवधि के लिए अर्जित अवकाश या निजी कार्य के लिए अवकाश मिलेगा। जरूरत के मुताबिक विशेष आकस्मिक अवकाश एक से अधिक बार भी स्वीकृत किया जाएगा।

ऐसे कर्मचारी जो कोरोना महामारी की अवधि में अन्य किसी भी बीमारी से पीडि़त हुए हों और महामारी के कारण वे चिकित्सक का परामर्श नहीं ले सके जिससे चिकित्सक का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध न करा सके हों तो उन्हें इलाज करने वाले एलोपैथिक मेडिकल प्रैक्टिशनर के चिकित्सा प्रमाणपत्र के आधार पर अवकाश खाते में देय चिकित्सा या अर्जित या अन्य अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *